सपने
Comrade
Lyrics
भूत आया आधी रात, आवाज़ में थी एक अजीब बात। खिड़की खोली हौले से, बोला – "आया हूँ डोले से!" चूहे भी डर के भागे थे, बिल्ली ने कान दबा रखे थे। घंटी बजी थी सन्नाटे में, साया घूमे हर आँगन में। "कौन हो तुम?" मैंने पूछा, बोला – "मैं हूँ डर का राजा बूचा!" "क्या चाहिए?" डरते-डरते कहा, बोला – "बस थोड़ा सा खाना रहा!" दिया बिस्कुट और दूध का ग्लास, भूत ने किया सलाम और कहा – "वाह!" फिर बोला – "अब चला मैं दूर, रात को फिर मिलूँगा ज़रूर!"
Generation Prompt
Rhymes, poem , childish,